दुनिया से अलग अपनी दुनिया में मगन,
चला जा रहा था ख्यालों में मन,
तभी किसी के चीखने की आवाज़ आई,
मैंने गर्दन घुमाई,
तब तक किसी चोट से आहत था।
देखा मौत सामने खड़ी थी !!
मौत, गुर्राई!!, चिल्लाई !!
बोली देखकर नही चल सकते,
मैं ड्यूटी पे हूँ मुझे किसी को लेकर जाना है,
तुम्हारे कारण लेट हो गई।
मैं मौत से अनजान अपने ख्यालों से निकला,
शायद उस समय मेरे चेहरे पर मासूमियत का भाव था खिला,
जिसे देख मौत बोली मुझे रुलाएगा क्या?
हट जा मेरे रास्ते से,
फिर किसी दिन मिलूंगी फुर्सत से,
शायद तब तू समझ पायेगा मौत से टकराने का मतलब।
मौत ने मुस्कुरा कर विदा ली,
मेरे नेत्र विस्मय भाव से उसे ओझल होते हुए देखते रहे,
कुछ ही पलों में मैं वापस अपने ख्यालों में था।
मुझे भला मौत से क्या लेना-देना था,
मैं तो ज़िन्दगी के सपनों और सपनों की ज़िन्दगी में जी रहा था!!!!!!!!
चला जा रहा था ख्यालों में मन,
तभी किसी के चीखने की आवाज़ आई,
मैंने गर्दन घुमाई,
तब तक किसी चोट से आहत था।
देखा मौत सामने खड़ी थी !!
मौत, गुर्राई!!, चिल्लाई !!
बोली देखकर नही चल सकते,
मैं ड्यूटी पे हूँ मुझे किसी को लेकर जाना है,
तुम्हारे कारण लेट हो गई।
मैं मौत से अनजान अपने ख्यालों से निकला,
शायद उस समय मेरे चेहरे पर मासूमियत का भाव था खिला,
जिसे देख मौत बोली मुझे रुलाएगा क्या?
हट जा मेरे रास्ते से,
फिर किसी दिन मिलूंगी फुर्सत से,
शायद तब तू समझ पायेगा मौत से टकराने का मतलब।
मौत ने मुस्कुरा कर विदा ली,
मेरे नेत्र विस्मय भाव से उसे ओझल होते हुए देखते रहे,
कुछ ही पलों में मैं वापस अपने ख्यालों में था।
मुझे भला मौत से क्या लेना-देना था,
मैं तो ज़िन्दगी के सपनों और सपनों की ज़िन्दगी में जी रहा था!!!!!!!!